Chandigarh (हरियाणा का चंडीगढ़ जिला) Part-1

-- -- -- चंडीगढ़ (Part-1) -- -- --

       गुलाब के फूल का सबसे अधिक उत्पादन चंडीगढ़ में होता है।
सिर कैपिटल परिसर (सेक्टर 1)
दिल सिटी सेंटर (सेक्टर 17)
नामकरण
      चंडी मंदिर के नाम पर इसका नाम चंडीगढ़ रखा गया।
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चंडीगढ़ के महत्वपूर्ण तथ्य
राज्यपाल
सत्यदेव नारायण आर्य
आधिकारिक वेबसाइट
www.chandigarh.nic.in
स्थापना का दिन
1 नवंबर 1966
क्षेत्रफल
114 वर्ग किमी
घनत्व
9252 प्रति वर्ग किमी
जनसंख्या (2011)
1,055,450
पुरुषों की जनसंख्या (2011)
580,663
महिलाओं की जनसंख्या (2011)
474,787
जिले
1
राजधानी
चंडीगढ
नदियाँ
पटियाला-की-राव
वन एवं राष्ट्रीय उद्यान
सुखना वन्यजीव अभयारण्य
भाषाएँ
हिंदी, पंजाबी, अंग्रेजी
राजकीय पशु
भारतीय ग्रे मंगूस
राजकीय पक्षी
भारतीय ग्रे हॉर्नबिल
राजकीय वृक्ष
आम
राजकीय फूल
ढाक फूल
पड़ोसी राज्य
पंजाब, हरियाणा
नेट राज्य घरेलू उत्पाद (2011)
128634
साक्षरता दर (2011)
87.07%
1000 पुरुषों पर महिलायें
818
विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र
0
संसदीय निर्वाचन क्षेत्र
1

चंडीगढ़ के बारे में
  चंडीगढ़ भारत का पहला सुनियोजित शहर है। इसकी योजना एक फ्रांसीसी वास्तुकार ली कार्बुजिए ने बनाई थी। देश के अन्य केंद्र शासित प्रदेशों के मुकाबले सबसे ज्यादा प्रति व्यक्ति आय होने के कारण यह संघ शासित प्रांतों की लिस्ट में अव्वल आता है।
  एक सुनियोजित शहर होने के नाते, और जीवन की गुणवत्ता के चलते यह दुनिया के मशहूर शहरों की सूची में आता है। पंजाब और हरियाणा इन दो राज्यों की राजधानी होने के कारण भी चंडीगढ़ एक प्रतिष्ठित शहर है। आज के दौर में इसे आधुनिक भारत के एक शहर के तौर पर देखा जाता है।
  आप इसे आधुनिकीकरण के साथ प्रकृति के संरक्षण के उदाहरण के तौर पर भी देख सकते हैं। इसकी योजना और निर्माण में शामिल पेड़ और पौधे इसका एक दुर्लभ उदाहरण हैं। रिपोर्टों के अनुसार यह शहर देश का सबसे साफ सुथरा शहर है। यहां सिर्फ उन्हीं उद्योगों को लगाने की अनुमति है जो हवा को प्रदूषित ना करते हों। इसलिए आपको चंडीगढ़ की हवा एकदम ताजी और प्रदूषण रहित लगेगी। इस शहर का गठन 1 नवंबर 1966 को हुआ था। अपनी शुरुआत से ही यह शहर उत्तर भारत का एक महत्वपूर्ण शहर रहा है। अच्छी प्लानिंग और खूबसूरत वास्तुकला के चलते यह उत्तर भारत का एक खास पर्यटन हब भी बनकर उभरा है।
चंडीगढ़ का इतिहास
  इसका इतिहास लगभग 8,000 साल पुराना है जब यहां सबसे पहली सभ्यता माने जाने वाले हड़प्पा रहवासी आकर बसे थे।
  यह मध्य युग में एक समृद्ध जगह होने के साथ साथ पंजाब प्रांत का भाग था। ब्रिटिश शासन से आजादी के बाद पंजाब सन् 1947 में पूर्व और पश्चिम पंजाब में बंट गया। विभाजन के बाद लाहौर पाकिस्तान के पास चला गया और पूर्व पंजाब के पास कोई राजधानी नहीं बची। इसलिए पंजाब को राजधानी देने के मकसद से चंडीगढ़ की योजना बनाई गई। शिवालिक की तराई को चंडीगढ़ बनाने के लिए चुना गया। इस शहर को प्रधानमंत्री और कुछ प्रमुख अधिकारियों के निर्देश पर बनाया गया। लेकिन इसे वास्तविक शहर बनने तक कई अड़चनों का सामना करना पड़ा। शहर के लिए अच्छी जगह चुनने के लिए एक कमेटी बनाई गई थी। इस जगह को कई पहलुओं जैसे मौसमी परिस्थितियां, सैन्य संवेदनशीलता और पानी के प्रावधान आदि पर गौर करके चुना गया।
  हरियाणा का गठन होने के बाद दोनों ही राज्यों एक राजधानी चाहिए थी। इसलिए नजदीकी और महत्व के आधार पर चंडीगढ़ को दोनों राज्यों की राजधानी बनाया गया।
  यहां पर खुले हाथ स्मारक की स्थापना ली कार्बुजियर द्वारा सन 1964 में की गई थी।
  सुखना लेक कि स्थापना ली कार्बुजियर द्वारा 1958 में 3 किलोमीटर क्षेत्र में की गई।
  यहां पर चिड़ियाघर की स्थापना 1977 में जिरकपुर के छटगांव में की गई।
  चंडीगढ़ गोल्फ क्लब की स्थापना 1962 में सेक्टर 6 में की गई।
  दूसरा योग दिवस 21 जून 2016 को चंडीगढ़ में आयोजित हुआ था।
  राजीव गांधी टेक्नोलॉजी पार्क की स्थापना 25 सितंबर 2005 को पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के द्वारा की गई। 
चंडीगढ़ की जनसांख्यिकी
  सन् 2011 की साक्षरता दर के अनुसार चंडीगढ़ की आबादी 10,55,450 लोगों की है। यहां का जनसंख्या घनत्व 9252 व्यक्ति प्रति वर्ग किलोमीटर का है। चंडीगढ़ का लिंग अनुपात 1000 पुरुषों पर 818 महिलाओं का है। इससे पता चलता है कि इस राज्य का लिंग अनुपात देश के सबसे कम अनुपातों में से है। यहां की साक्षरता दर 86.43 प्रतिशत है। कुल आबादी में से बच्चों की संख्या 10 प्रतिशत की है।
  इस शहर में कई धर्मों के लोग रहते हैं, जैसे हिंदू, सिख, ईसाई और मुस्लिम। यहां सबसे ज्यादा आबादी हिंदू धर्म के लोगों की है, दूसरे नंबर पर सिख धर्म के लोग हैं। चंडीगढ़ बहुत ही प्रगतिशील है और इसका लगभग 90 प्रतिशत क्षेत्र विकसित है। यहां ज्यादातर लोग शहरी हैं और गांवों में मात्र 2 प्रतिशत लोग रहते हैं।
  यहां महिला साक्षरता दर और महिला लिंग अनुपात चिंता का विषय है। सरकार राज्य में महिलाओं की इस स्थिति में सुधार लाने के प्रयास कर रही है। गांवों में महिला लिंग अनुपात बहुत निराशाजनक है और इसमें सुधार की ज़रुरत है।
चंडीगढ़ का भूगोल
  चंडीगढ़ शिवालिक रेंज की तलहटी में स्थित है। यह समुद्र तल से 321 मीटर उपर है। यह 30 डिग्री 14 उत्तर अक्षांश और 76 डिग्री 14 पूर्व देशांतर पर स्थित है। इसकी जमीन उपजाउ है और फसल बहुतायत में होती है। यहां की भूमि जलोढ़ मिट्टी है और सतह पर आप पत्थर, बजरी, चिकनी मिट्टी, गाद, रेत, कंकड़ और ईंटे पाते हैं।
  इस केंद्र शासित प्रदेश में 5 कस्बे और 25 गांव शामिल हैं। यहां एक तहसील और सामुदायिक विकास खंड भी हैं। इस राजधानी की प्रकृति सबट्रॅापिकल है और इसकी खासियत इसकी तेज गर्मियां, अस्थिर वर्षा और कंपकपाती सर्दियां हैं। यहां का तापमान बदलता रहता है और माइनस 1 डिग्री से 46 डिग्री तक रहता है। सर्दियों में यहां पाला भी पड़ता है। यहां सब ट्रॉपिकल मानसून का मौसम रहता है। सालाना बरसात लगभग 1100 मिमी. रहती है। पूरा शहर सुखना चो और पटियाली राव जैसे मौसमी नालों से भर जाता है।
  इस जगह की वनस्पतियों और जीव जंतुओं की बात करें तो आप जगह जगह वॉटर होल पाएंगे, जिसके आसपास अच्छे पेड़ पौधे पाएंगे और विभिन्न प्रजातियों और वन्य जीवन के लिए यह एक आदर्श स्थान होता है। सुखना वन्यजीव अभयारण्य में कई प्रकार के पेड़, पौधे, झाडि़यां, घास और लकडि़यां साथ ही कई जानवर, पक्षी और सरीसृप भी मिल जाएंगे। आप यहां पर साइबेरिया और जापान के प्रवासी पक्षी भी देख सकते हैं।
  आज के समय में 3245 हेक्टेयर की बड़ी जमीन को वन क्षेत्र में बदल दिया गया है और अब यह वन्य जीवन के लिए एक स्वर्ग है। इस जगह में दो राष्ट्रीय रिजर्व जंगल और लुप्तप्राय प्रजातियों के रहने का स्थान है।
चंडीगढ़ की अर्थव्यवस्था
  चंडीगढ़ को तीन अलग अलग तरह की सरकारों के आधार के तौर पर जाना जाता है। यह इस क्षेत्र में एक बड़ा सरकारी नियोक्ता बनकर उभरा है। यहां की ज्यादातर आबादी सरकारी दफ्तरों में काम करती है। इस राजधानी में लगभग 15 मध्यम से बड़े उद्योग और सार्वजनिक उपक्रम हैं। यहां लगभग 2500 लघु उद्योग इकाईयां हैं। यह आउटसोर्सिंग और आईटी का हब बनकर उभर रहा है।
  यहां कई उद्योग हैं जो पेपर, सेनेटरी वेयर, मशीन टूल्स, बुनियादी धातु, ऑटो पार्टस्, फार्मास्यूटिकल्स और बिजली के उपकरणों का विनिर्माण करते हैं। यहां खाद्य उत्पादों से जुड़े हुए भी कई उद्योग हैं। अपनी बेहतरीन बुनियादी सुविधाओं के कारण चंडीगढ़ में कई उद्योग और कारखाने हैं। यहां की कनेक्टिविटी और संचार प्रणाली दोनों बहुत अच्छी हैं। हालांकि इस शहर की योजना कभी भी एक उद्योग हब के तौर पर नहीं की गई थी लेकिन अब यह इस क्षेत्र में बहुत महत्वपूर्ण हो गया है। यहां का पर्यटन क्षेत्र भी बहुत समृद्ध हुआ है और यह भारतीय और विदेशियों के बीच बहुत लोकप्रिय है। इससे इस शहर की आय बढ़ी है और कुल अर्थव्यवस्था को फायदा पहुंचा है। इसे भारत के अन्य शहरों के मुकाबले ज्यादा प्रति व्यक्ति आय होने के लिए भी जाना जाता है।
  जहां तक उद्योगों का सवाल है कागज निर्माण, बेसिक मेटल, सेनेटरी वेयर, मशीन टूल्स, बुनियादी धातु, ऑटो पार्टस्, फार्मास्यूटिकल्स और बिजली के उपकरणों और मशीनरी, यह सब यहां के प्रमुख उद्योग हैं। अन्य उद्योग खाद्य उत्पादों से जुड़े हैं।
चंडीगढ़ की सरकार और राजनीति
  चंडीगढ़ पंजाब और हरियाणा दोनों की राजधानी के तौर पर काम करता है, इसलिए इसे अलग से प्रशासित किया जाता है। यह भारत के केंद्र शासित प्रदेश के तौर पर जाना जाता है। प्रशासन का मुखिया राज्यपाल होता है जो प्रशासक के तौर पर जाना जाता है और उनकी नियुक्ति राष्ट्रपति करते हैं। इनके पास सबसे ज्यादा कार्यकारी अधिकार होते हैं। इसका प्रशासन भारत के गृह मंत्रालय के तहत आता है।
  केंद्र शासित प्रदेश का अपना संसदीय निर्वाचन क्षेत्र है जिसमें पूरा चंडीगढ़ शामिल है। यहां पंजाब और हरियाणा दोनों राज्यों की विधानसभा भी है।
  प्रशासन के विभिन्न क्षेत्रों को देखने के लिए कई तरह के निकाय बनाए गए हैं जैसे शिक्षा, सामाजिक कल्याण, सतर्कता, पर्यावरण, आवास, पशुपालन, आबकारी और कराधान, स्वास्थ्य, भोजन और सप्लायर और शहरी नियोजन।
  चंडीगढ़ भारत के गृह मंत्रालय के तहत आता है। एडवाइजरी के तौर पर आईएएस सेवा का एक वरिष्ठ अधिकारी सेकंड इन कमांड होता है। यह अधिकारी आईएएस के एजीएमयू केडर का होता है। उपायुक्त आईएएस का होता है और केंद्र शासित प्रदेश का सामान्य प्रशासन संभालता है। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक या आईपीएस यहां की कानून व्यवस्था को नियंत्रित करता है।
  चंडीगढ़ में कई राजनीतिक दल हैं जो यहां का प्रशासन और राजनीति देखते हैं। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस, भारतीय जनता पार्टी और बहुजन समाज पार्टी यहां के कुछ राजनीतिक दल हैं।
चंडीगढ़ की संस्कृति
  यह केंद्र शासित प्रदेश अपने लोक नृत्यों और संगीत के लिए जाना जाता है। यहां के ज्यादातर रिवाज़ और परंपराएं पंजाबी संस्कृति और हिंदू, सिख और मुस्लिम संस्कृति से जुड़ी हैं। यहां की स्थानीय संस्कृति में समृद्ध भोजन, त्यौहार, संगीत और नृत्य, धार्मिक रीति और रिवाज शामिल हैं। यहां के नृत्य यहां के लोगों की जीवंतता दिखाते हैं। भांगड़ा, गिद्दा, जूली, सम्मी, तीयान यहां के कुछ मशहूर लोक नृत्य हैं। यहां के स्थानीय लोगों द्वारा मनाए जाने वाले प्रमुख त्यौहारों में बैसाखी, गुरुपूरब, लोहड़ी, टीका, रक्षा बंधन आदि हैं। इन त्यौहारों में कई प्रकार के भोजन, मिठाई और पूजा शामिल होती है।
  यहां की संस्कृति बहुत आधुनिक है और आप यहां कई संस्कृतियों के लोगों को देख सकते हैं। देश के अलग अलग हिस्सों से लोग चंडीगढ़ आकर बसे हैं इसलिए आपको संस्कृति और परंपरा में एक मिश्रण दिखता है।
  यहां लोग हिंदी और पंजाबी या दोनों का मिश्रण बोलते हैं। इस शहर में एक संस्कृति परिसर है जहां कला और संस्कृति का प्रदर्शन होता है। यहां का पारंपरिक भोजन मसालेदार ठेठ पंजाबी खाना है। शाकाहारी और मांसाहारी खाना दोनों ही यहां बहुत विविधता और स्वाद के साथ पकाए जाते हैं।
  यहां का पहनावा दूसरे राज्यों के लोगों के पहनावे से मिलता जुलता है। हालांकि त्यौहारों और खास मौकों पर पुरुष शेरवानी और महिलाएं लहंगा चोली या सलवार कमीज या साड़ी पहनती हैं।
चंडीगढ़ की भाषा
  चंडीगढ़ के उत्तर भारत में स्थित होने के कारण यहां की लोकप्रिय भाषा पंजाबी है। हिंदी भी यहां बहुत बोली जाती है। अपनी बढ़ती बुनियादी सुविधाओं के कारण इस शहर में दूसरे राज्यों से कई लोग आए हैं। बहुसंस्कृति वाला शहर होने के नाते यहां बहुभाषाई माहौल भी बना है।
  हरियाणा की राजधानी होने के कारण यहां हरियाणवी भी बोली जाती है। ज्यादातर लोग हिंदी और अंग्रेजी में बात करते हैं। दूसरे राज्यों से आए लोगों को यदि पंजाबी ना आती हो तो उन्हें इन्हीं दो भाषाओं में बात करनी होती है। सरकारी दफ्तरों में अंग्रेजी भाषा का ही इस्तेमाल होता है। इस शहर की आधिकारिक भाषा पंजाबी है। यहां के युवा हिंदी और अंग्रेजी का मिश्रण बोलते हैं।
चंडीगढ़ में शिक्षा
  इस केंद्र शासित प्रदेश में शिक्षा बहुत उच्च गुणवत्ता की है और ज्ञानवर्धक और दिलचस्प तरीकों से शिक्षा को एक नई दिशा दी गई है। चंडीगढ़ के विश्वविद्यालय बहुत अच्छी शिक्षा देते हैं जिससे बहुत कुशल और सक्षम छात्र निकलते हैं। यहां की सरकार ने हर बच्चे को घर से एक किलोमीटर की सीमा में ही शिक्षा मुहैया कराने का प्रयास किया है। यहां आपको बड़ी संख्या में निजी और सरकार स्कूल मिल जाएंगे। कई निजी स्कूल जो धर्मनिरपेक्ष होने के तौर पर जाने जाते हैं, उन्हें अनुदान और सहायता भी मिलती है।
  यहां की शिक्षा तीन स्तरों की होती है और चंडीगढ़ शिक्षा विभाग इसकी देखरेख करता है। यहां कुछ सरकारी कॉलेज हैं जो बुनियादी सुविधा, परिसर, आडिटोरियम और खेल के मामले में बेहतरीन हैं। यहां के कॉलेज पंजाब विश्वविद्यालय से जुड़े हैं। यहां कोई भी व्यक्ति कॉमर्स, आर्ट या विज्ञान जैसे विषयों में शिक्षा ले सकता है। यहां कम्प्यूटर साइंस और बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन जैसे कोर्स भी उपलब्ध हैं। यहां के कॉलेज कई कोर्सेस में पोस्ट ग्रेजुएशन मुहैया कराते हैं जैसे वाद्य संगीत, लोक प्रशासन आदि।
  चंडीगढ़ के कॉलेजों में वोकेशनल कोर्स भी लोकप्रिय हैं। यह कोर्स मुख्य शिक्षा के बराबर ही होते हैं। यह स्वास्थ्य, कॉमर्स, पैरा मेडिसिन और इंजीनियरिंग जैसे वर्गों में आते हैं।



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